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"तुम बिन"
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तुम बिन में खुद को अधूरा महसूस करता हूँ, तुम बिन में खुद को मायूस फील करता हूँ, हाँ यहाँ तुम्हारी ही बात हो रही हैं, पर में खुद को अनजान समझ रहा हूँ, वेसै में बड़ा बोरियत इसांन हूँ, पत्ता नहीं तुम केसै झेलती थी..! मुझे..! पर ये सच हैं, तुम बिन खुद को अकेला महसूस करता हूँ, तुम बिन खुद को विरान समझता हूँ, तुम बिन, बिन बात के ख्याल मन मे घेर लेता हूँ। खाली खाली मन, और उस मन से बिन मतलब की बातें करता रहता हूँ। तन्हा नहीं हूँ पर खुद को तन्हा कर लेता हूँ जब भी याद आती हैं तुम्हारी, तुम बिन तुझे ख्वाबों मे लिये याद कर लेता हूँ।। तुम बिन पता नहीं कैसे रह लेता हूँ। पर सच हैं तुझको में खुद में जी लेता हूँ।। "तुम बिन"
"जिम्मेदारी"
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"जिम्मेदारी" क्या एक उम्र बीत जाने पर आती हैं...? या इंसान में समझ आने पर आती हैं..? पर, कैसे आती हैं..? जिम्मेदारी क्या होती हैं..? कब आती हैं..? जनाब आप काबिल हो ना हो..! पर आती हैं, कभी अपनो के बिछ़डने पर, कभी खुद को सम्भलाने पर, तो कभी किसी को चाहने पर..! पर जिम्मेदारी आती हैं खुद को खुद के लायक समझने पर, अब आप कहोगें, खुद के लायक..? जी जनाब खुद के लायक जब आप खुद के लायक हो जाते हो तभी किसी दुसरे का जिम्मा आप को दिया जाता हैं, चाहे वो कोई काम हो, कोई वस्तु हो, या फिर कोई व्यक्ति..! पर आखिरकार वो शब्द आ ही जाता हैं जिसे लोग जिम्मेदारी कहते हैं..। तो ये आप पर कब आयेगी..? तो बता दूँ कभी-भी चाहे आप काबिल हो या ना हो..। राजकुमार की कलम से... 😊
।। वजूद ।।
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।। वजूद ।। तेरे होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। तु वजूद हैं तेरे मिटने पर ही तेरा ऐहसास होता हैं हाँ वक्त सभी के पास होता है किसी के पास कम तो किसी के पास ज्यादा, पर किसी का वक्त लेना या किसी को वक्त देना। तेरा पता तभी चलता हैं। जब कुछ खोना होता हैं तु वजूद हैं तेरे मिटने पर ही तेरा ऐहसास होता हैं।। कोई अपना कोई पराया, तेरा सपना... तेरा अपना होता हैं , हकीकत में बन्दें तु अपनों को खोता हैं। तु वजूद हैं तेरे मिटने पर ही तेरा ऐहसास होता हैं।। समझाये तुझे राजकुमार.. बन्दें तु क्यूँ रोता हैं, हर रोज हर किसी के साथ ऐसा होता हैं। तु वजूद हैं तेरे मिटने पर ही तेरा ऐहसास होता हैं।। To be continue....
।। यकीनन ख्वाब देखियें ।।
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आइये आज आपको दुनिया के बारे में बताते हैं, अगर आप ख़्वाब देखते हैं, तो ये उनको पूरा होने देती हैं...? पर, जरा ठहरिये और अपनो से सावधान, ये वही मादर जाद होते हैं जो, आपका ख़्वाब चुरा कर आपको अपने होने का ऐहसास तो देते हैं, पर आपकी गाणणण मारने में लगे रहते हैं, पर आप डरीये मत, ।। यकीनन ख्वाब देखियें ।। पूरे आपको करने हैं,आपके अपनो को नहीं, गाणण मारने में तो पूरी दुनिया लगी रहती हैं, मेरे कहने का गलत मतलब ना निकाल लियेंगा , सच्चाई बताना मेरा काम है, जितना इस दुनियां के बारे में सोचोगे, उतनी आपकी मरनी हैं, जैसे मेरी मरी पड़ी, और कि तो क्या बताऊँ जब मेरी सूजी पड़ी हैं, अब हंसीये 😁 मत, आपकी भी मर सकती हैं, ।। यकीनन ख्वाब देखियें ।। आप बस पड़ते रहिये मुझे अब आप को मजेदार कहानीयाँ सुनाऊँगा।।
"मैं" का वजूद
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तुझे लिख दूँ, तु कलम तो नहीं। मैं वही गीत पुराना हूँ, बस जज्बातों के शब्दों से पिरोया हूँ, पत्थर दिल बन गया हूँ मैं.... अब तुम पुछोगें क्यूँ..? तो बता दूँ तुम्हें... बहुत कुछ खोया हूँ मैं अकेला तन्हा रातों में बहुत रोया हूँ मैं।। अपने आसूँओं को आसूँओ से धोया हूँ मैं। रोताें को बहुत कम सोया हूँ मैं...|| To be continue........